देवी मेला ग्राम सुधार प्रदर्शनी मैनपुरी: एक दृष्टि में
- बृहद सभा की मीटिंग वर्ष में एक बार व आवश्यकता पड़ने पर होती है जिसमें आय-व्यय की स्वीकृति और प्रस्तावित आय-व्यय की स्वीकृति एवं विभिन्न कार्यक्रमों के संयोजकों का चुनाव एवं कार्यकारिणी का गठन तथा अन्य विषयों पर विचार विमर्श अध्यक्ष/जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित किये जाते हैं।
- विधि परामर्शदाता डी.जी.सी. सिविल हैं। समिति के अभिलेख 12 प्रकार की पंजिकायें है। न्यायिक विवाद मैनपुरी न्यायालय के अधीन ही निस्तारित किये जा सकते हैं।
- छठवें दशक में प्रदर्शनी का जिला परिषद के अधीन होने के उपरान्त संविधान बना जिसमें जिलाधिकारी अध्यक्ष सहित महत्वपूर्ण अधिकारियों को पदेन सदस्य रखा गया। प्रदर्शनी समिति का पंजीकरण दिनांक 18.2.2013 तक वैध है। प्रदर्शनी के संविधान का मसौदा श्री एस. एल. सागर द्वारा श्री ए. के. टण्डन निवर्तमान जिलाधिकारी के निर्देशानुसार तैयार किया गया जिस हेतु मानदेय भी दिया गया। 2008 के पंजीकरण द्वारा प्रभारी/मुख्य विकास अधिकारी का पद सजिृत किया गया है। पूर्व में सचिव/तहसील दार के स्थान पर एस.डी.एम. मैनपुरी को सचिव/मेला मजिस्ट्रेट नियुक्ति किया जाता है।
- प्रदर्शनी से सम्बन्धित पशु मेला एवं पशु बाजार पूर्व में आयोजित किया जाता था। प्रारम्भ से आजीवन सदस्यता शुल्क 100 रुपये से 500 रुपये से 2000 रुपये से 5000 रुपये से 20000 रुपये की गई। जो वर्तमान में सच्चिदानंद दुबे अध्यक्ष द्वारा 5000 रुपये वर्ष 2010 से है। सदस्यता आवेदक के सम्बन्ध में एल.आई.यू. रिपोर्ट के उपरान्त प्रदत्त की जाती है।
- प्रथम वार स्मारिका कम्प्यूटराइड डाॅ॰ सी.पी. गोयल द्वारा प्रकाशित की गयी। सबसे मूल्यवान स्मारिका श्री अनिल मिश्र द्वारा प्रकाशित की गयी। और सर्व प्रथम स्मारिका भारतभूषण मिश्र द्वारा सन् 1986 में जिलाधिकारी दौलतराम जी के समय में प्रकाशित की गयी। भारतभूषण मिश्र द्वारा पांच वार व लगभग इतने ही बार संजीत गौड द्वारा प्राकाशित की गई है।
- प्रदर्शनी में सर्वाधिक लोक गीत गायक देशराज पटेरिया पधारे। सर्वाधिक रंगारंग कार्यक्रम पण्डा एण्ड पार्टी कासगंज द्वारा आयोजित किये गये।
- ठेकेदारों, दुकानदारों से अवशेष राशि आर.सी. की भांति वसूली जा सकती है।
- अपना दिवस कार्यक्रम जनपद की प्रतिभाओं हेतु आयोजित किया जाता है।
- प्रदर्शनी के आजीवन सदस्यों की संख्या 500 के लगभग है जिसमें लगभग 100 सदस्य ही सक्रिय में पत्रकारों सम्वाददाताओं की संख्या अधिक है। आजीवन सदस्यों को परिचय पत्र प्राप्त होता है। जिसके माध्यम से दो लोगों को पण्डाल में प्रवेश मिलता है।
- प्रदर्शनी समिति की आय से नगर पालिका परिषद को सफाई भत्ता, जिला परिषद को पटरी भत्ता, मेला भूमि का प्रबन्धक को भत्ता एवं अधिगृहित भूमि का किसानों को भत्ता, पुलिस कर्मियों एवं सलग्न कर्मचारियों को मानदेय प्रदत्त किया जाता है।
प्रदर्शनी पंडाल में निशुल्क कार्यक्रमों का आयोजन विभिन्न समितियां द्वारा 2022 एवं 2023 में शुरुआत
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वेबसाइट का मंत्री जी द्वारा उद्घाटन


















